да мне пофиг! я не на англе пишу कृष्ण यजुर् वेद के उपनिषद संस्कार, ज्ञान और वैदिक धर्म के ध्यान के पहलुओं के बारे में बताते हैं। सन्ध्या अनेक देवताओं के गायत्री मंत्र और कई सूत्र हमें इससे प्राप्त हैं। इसमें ब्रह्म ज्ञान प्राप्त करने की योग्यता पाने की प्रक्रिया (आत्म-शुद्धिकरण) के बारे में भी बताया गया है। इस उपनिषद में आद्यात्मिक साधकों के लिए वांछित तपस्या, इन्द्रिय-निग्रह, सत्य और धार्मिक जीवन बिताने पर ज़ोर दिया गया है।
Добавлено (01.02.2011, 13:18) --------------------------------------------- Я испанский чуть меньше года изучаю
कृष्ण यजुर् वेद के उपनिषद संस्कार, ज्ञान और वैदिक धर्म के ध्यान के पहलुओं के बारे में बताते हैं। सन्ध्या अनेक देवताओं के गायत्री मंत्र और कई सूत्र हमें इससे प्राप्त हैं। इसमें ब्रह्म ज्ञान प्राप्त करने की योग्यता पाने की प्रक्रिया (आत्म-शुद्धिकरण) के बारे में भी बताया गया है। इस उपनिषद में आद्यात्मिक साधकों के लिए वांछित तपस्या, इन्द्रिय-निग्रह, सत्य और धार्मिक जीवन बिताने पर ज़ोर दिया गया है।
Для себя, а почему нет? कृष्ण यजुर् वेद के उपनिषद संस्कार, ज्ञान और वैदिक धर्म के ध्यान के पहलुओं के बारे में बताते हैं। सन्ध्या अनेक देवताओं के गायत्री मंत्र और कई सूत्र हमें इससे प्राप्त हैं। इसमें ब्रह्म ज्ञान प्राप्त करने की योग्यता पाने की प्रक्रिया (आत्म-शुद्धिकरण) के बारे में भी बताया गया है। इस उपनिषद में आद्यात्मिक साधकों के लिए वांछित तपस्या, इन्द्रिय-निग्रह, सत्य और धार्मिक जीवन बिताने पर ज़ोर दिया गया है।
कृष्ण यजुर् वेद के उपनिषद संस्कार, ज्ञान और वैदिक धर्म के ध्यान के पहलुओं के बारे में बताते हैं। सन्ध्या अनेक देवताओं के गायत्री मंत्र और कई सूत्र हमें इससे प्राप्त हैं। इसमें ब्रह्म ज्ञान प्राप्त करने की योग्यता पाने की प्रक्रिया (आत्म-शुद्धिकरण) के बारे में भी बताया गया है। इस उपनिषद में आद्यात्मिक साधकों के लिए वांछित तपस्या, इन्द्रिय-निग्रह, सत्य और धार्मिक जीवन बिताने पर ज़ोर दिया गया है।